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नियमित योग करने के फायदे

भारत में योग का इतिहास हजारों साल पुराना हैं लेकिन ये चलन में अभी अधिक आया हैं। योग एक संस्कृत शब्द है जो युज से आया है, जिसका अर्थ है इकट्ठा होना, बांधना। यह हमारे शरीर और दिमाग को एक साथ करने में मदद करता हैं। मन को शांत रखता है, शरीर को स्वस्थ रखता है और हमें खुशी और संतुष्टि प्रदान करता हैं। योग भी व्यायाम का ही एक पारंपरिक रूप हैं जो न सिर्फ कैलोरी को कम करने और मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक हैं, ये हमारे शरीर के साथ साथ दिमाग को भी शांत करता हैं। आज के समय में लोग ऐक्टिव रहने और फिट रहने के लिए मॉडर्न तरीकों से ज्यादा योग को पसंद कर रहे हैं। इसके सिर्फ एक लाभ नहीं हैं ये शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ बॉडी को सही पॉस्चर, स्ट्रेंगथ और फ्लेक्सबिलटी प्रदान करता हैं।

योग करने के नियम

योग एक आदर्श योगाभ्यास है जिसे सही तरीके से करने के निम्नलिखित नियम होते हैं:

नियमितता: योग को नियमित रूप से करना चाहिए। प्रतिदिन के योगाभ्यास के लिए निश्चित समय और स्थान तय करें और उसे नियमित रूप से अपनाएं।

सुखद स्थान: योग के लिए एक सुखद और शांतिपूर्ण स्थान चुनें। इससे आपको मन की शांति और अधिक ध्यान करने में मदद मिलेगी।

खाली पेट: योग करने से पहले आपका पेट खाली होना चाहिए। इसके लिए आप योग करने से दो तीन घंटे पहले तक कुछ न खाए और अगर खा लिया हो तो खाना खाने के 2 से तीन घंटे के अंदर योग का अभ्यास न करें। खाली पेट में योगा करने से पाचन को सही तरीके से काम करने में मदद मिलती है।

सही आसन: योगासनों को सही ढंग से करने के लिए एक योग गुरु से मार्गदर्शन लें। सही पोषण, सही संरचना और समय के साथ योगासन के अभ्यास को बढ़ाते रहें। अगर आपने योग करना शुरू ही किया है तो जरूरी है की किसी के निर्देश में करें और शुरुआती समय में कम समय का अभ्यास करें। शुरुआत आसान आसनों से करें और धीरे धीरे समय को बढ़ाए।

सही श्वास लेना: योग के दौरान सही श्वास लेने का महत्वपूर्ण रोल होता है। श्वास को गहराई से और धीरे-धीरे लें, और उसे नियंत्रित रखें।

स्थिरता: योग के दौरान स्थिरता को बनाए रखें। अपने शरीर को स्थिर रखें और एक स्थिर मन के साथ आसनों में बने रहें।

स्वतंत्रता: योग को स्वतंत्रता के साथ करें। अपने सीमितता को छोड़कर अपने शरीर और मन के साथ एक संयमित रिश्ता बनाएं। योग को अपने स्वयं के अनुभव और आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित करें।

स्नान: योग करने से पहले या उसके बाद नहाना उचित होता है। स्नान से आपकी शरीर में ऊर्जा शुद्धता और शांति का अनुभव होता है।

प्राणायाम: योग के साथ प्राणायाम का अभ्यास करें। यह श्वास नियंत्रण, प्राणिक ऊर्जा के संतुलन को बढ़ाने और मन को शांत करने में मदद करता है।

संयम: योग करते समय संयम रखें। योग से पहले और दौरान मन को शांत रखें, विचारों को शांत करें और योग के लाभों का आनंद लें।

योग करने के लाभ

ताकत, संतुलन और लचीलेपन में सुधार करे

योग करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता हैं। योग करने से पहले जहां आपको नीचे गिरी हुई चीज कि उठाने भर में कमर का दर्द उखाड़ जाता था वही योग करने के बाद आपको आपका शरीर हल्का और लचीला लगेगा। इस समय आपको नीचे गिरी हुई चीज को उठाने में दिक्कत नहीं होगी। आसनों का अभ्यास करते करते आपके लिए सभी चीज़े इतनी आसान हो जाएंगी कि आप अपने हाथों से अपने पैरों कि उंगलियों तक को आसानी से टच कर सकेंगे। वो भी बिना किसी खिचाव को अनुभव करें। इसे नियमित करने से आपको महसूस होगा कि आपकी मांसपेशियों का लचीलापन अब बेहतर होने लगा है। इसकी वजह से आप असंभव लगने वाले आसनों को हासिल कर सकती हैं। योग शरीर के वजन को बनाए रखने वाली मांसपेशियों को मजबूत करके कार्यात्मक शक्ति बनाता है। यह आपके कोर को मजबूत करने के लिए भी बहुत अच्छा है, जो आपके एथलेटिक और रोजमर्रा की कार्यक्षमता दोनों में सुधार करता है।

गठिया के लक्षणों को कम करता है

जिन लोगों को गठिया कि समस्या हैं वो अगर नियमित योग अभ्यास करे तो विभिन्न प्रकार की गठिया समस्याओं जैसे जोड़ों के दर्द को काम कर सकते हैं। इसके आलवा योग जोड़ों के लचीलेपन और कार्य को बढ़ाने और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इन्ही सब फ़ायदों कि वजह से योग उन लोगों में ज्यादा लोकप्रिय हैं जो जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं।

तनाव को कम करने में आपकी मदद करता है

बहुत से लोग ऐक्टिव रहने, फिट रहने के लिए और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए योग शुरू करते हैं। लेकिन इससे न सिर्फ शारीरिक सुख मिलता हैं बल्कि ये दिमाग को भी बहुत शांत रखता हैं जिससे आप तनाव मुक्त रहते हैं। तनावमुक्त रहने से इंसान की सोच में विस्तार होता हैं और अच्छे अच्छे आइडियाज आते हैं।

वजन पर काबू

दुनिया की अस्सी प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त है। हालांकि योग को अपनी जीवनशैली में शामिल करके हम मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं। योग करने से शरीर लचीला बनता है।

बेहतर मुद्रा और शरीर जागरूकता को बढ़ावा देता है

डेस्क पर लंबे समय तक बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग सकती है और आपको थकान हो सकती है। कुछ योग आसन करने से गर्दन और पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं को रोकने के साथ-साथ आपके पॉस्चर को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।

लाइफस्टाइल में सुधार करता हैं।

योग ध्यान और श्वास को जोड़ता है, जो दोनों के मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। योग अभ्यास शारीरिक जागरूकता में सुधार करता है, पुराने तनाव को कम करता है, मन को शांत करता है, ध्यान केंद्रित करता है और एकाग्रता में सुधार करता है।

आपको आराम देता है और बेहतर नींद में मदद करता है

योग तंत्रिका तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही, अच्छी नींद लेने में मदद करता है। यह आपको वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

कार्डियोवैस्कुलर कार्यप्रणाली में सुधार करने में मदद करता है

योग परिसंचरण और रक्त प्रवाह को भी बढ़ाता है, जो हृदय के लिए अच्छा है। यह रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, साथ ही हृदय गति को कम करने में भी मदद कर सकता है।

फोकस में सुधार करने में मदद करता है

रोजाना योग करने से दिमाग कि ग्रोथ होती हैं और वो हमारे फोकस को बढ़त हैं जिससे किसी भी काम को करने में हमारा मन लगता हैं और कोई भी चीज हमें जल्दी याद हो जाती हैं। ये हमारी स्मृति शक्ति को भो बढ़ाता हैं। इतना ही नहीं ये हमारे आईक्यू को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

आपके लसीका को हटाता है और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है

योग का अभ्यास लसीका प्रणाली को संक्रमण से लड़ने, घातक कोशिकाओं को नष्ट करने और सेलुलर गतिविधि से हानिकारक वेस्ट उत्पादों को हटाने में सहायता करता है।

ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है

यह न केवल रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है, बल्कि यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हुए खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। योग आपको वजन कम करने में मदद करता है और आपकी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है।

रोग मुक्त शरीर

रोजाना के योगाभ्यास से शरीर स्वस्थ होता है, इसके साथ ही ये हमें रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। हृदय रोग, मधुमेह और अस्थमा जैसी कई अन्य बीमारियों के लिए योग की सलाह दी जाती है। रोगों से बचाने के अलावा योग के पास ऐसी शक्तियां भी होती हैं जिससे कई रोगों को जड़ से मिटा देता हैं।

बॉडी पॉस्चर को ठीक करता हैं

योग न सिर्फ हमे रोग, तनाव और बाकी चीजों से दूर रखता हैं। ये बिगड़े हुए बॉडी पॉस्चर को ठीक कर एक परफेक्ट और सुंदर पॉस्चर भी प्रदान करता हैं।

पाचन और डायबिटीज की समस्या को ठीक करता हैं

नियमित योग करने से शरीर कि पाचन अवस्था ठीक होती हैं क्योंकि इससे हमारा खाने का समय बंध जाता हैं और योग से पाचन क्रियाएं भी अच्छे से काम करती है। कई आसान ऐसे होते हैं जिससे पाचन अच्छे से होता हैं। वैसे को हमें सभी आसान खाली पेट करने होते हैं लेकिन गर्भासन एकलौता ऐसा आसान हैं जिसे खाने के बाद किया जा सकता हैं इससे खाने का पाचन अच्छे से होता हैं। इतना ही नहीं ये हमें डायबिटीज जैसी समस्याओं से भी बचाता हैं।

स्वास संबंधी समस्याओं से दूरी बनाए रखता हैं

सही तरीके से प्राणायाम का अभ्यास करने से स्वास संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं और अगर हैं तो वो काफी हद तक ठीक हो जाती हैं।

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